shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ म�
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ म�